“घुमन्तू “
वो अनजाने रास्ते जो चन्द लम्हे चलने पर
ओझल हो जाते है और तुम सिर्फ़
इस बात से कतराते हो की उस पार कि दुनिया
बर्बर और भयानक होगी ………!!
जहॉ हमारी शख़्सियत ओछी सी होगी
जहॉ हमारे स्वाभिमान की तौहीन होगी
जहॉ हमारा मुक़्क़दर खोटा होगा
जहॉ हमारा सम्मान छोटा होगा ……..!!
वो अनजान रास्ते जहॉ तुम तन्हा महसूस करोगे
जहॉ दिन छोटे और रात भयानक काली होंगीं
जहॉ तुम्हारी हल्की सी आवाज़ बड़ी बात होगी
जहॉ हुक्मरानों की फ़ौजदारी चारों ओर तैनात होगी
वहॉ चलने के लिये तुमको थोडा फ़क़ीर होना होगा
तुमको लालच खोना होगा , तुमको धर्म खोना होगा
तुमको खुद ईश्वर का पैग़ाम होना होगा
तुमको खुद बादशाह होना होगा
तुमको खुद आज़ाद होना होगा ………!
तब तुम उन अनजाने रास्तों पर पदचिन्हो की लकीरें छोड़ोगे
तुम घुमन्तु दुनिया के नये रास्ते ढूँढोगे
नये चेहरे ढूँढोगे , नये मुसाफ़िर ढूँढोगे
तब तुम नयी कहानी के किरदार लिखोगे
संगीत लिखोगे , प्रेम के दीदार लिखोगे
तब तुम जानोगे की उस पार की दुनिया
ज़्यादा रंगीन और चमकदार थी
वहॉ तो अवसरों की भरमार थी
वहॉ हर कहानी जीवन्त थी
वहॉ संस्कृति थी , इतिहास था
वहॉ दफ़्न हुये रहस्यों मे कुछ ख़ास था
और तुम जब पीछे मुड़कर देखोगे तो पाओगे कि
जब भी तुमने नयी जगहों मे तलाश की है
तुम पहले से ज़्यादा बेहतर होकर आये हो
या तुम नयी दुनिया को जीतकर आये हो
या नयी दुनिया के होकर आये हो ।
उनका जोखिम तो रोमांच है , जीत -हार तक़दीर
नाम ऐक मुसाफ़िर है और आदत “घुमन्तू” है
घुट घुट कर तो लोग महलों मे भी रहते है
उनकी ज़िन्दगी का सिलसिला जीवन्त है ..!
तुम सीखते रहना ,
दिल बड़ा रखना और चलते रहना
तलाश करते रहना ,
ऐक नया रास्ता और ऐक नया सवेरा ….।!!!!!
और घुमन्तू बनते रहना …!!!!
घुमन्तू बनते रहना ……..!!!!