समझोगे ये क्या है ?
ये हिन्दू -मुस्लिम से बड़ा है
ये जातिवाद से बड़ा है
ये आज़ादी से बड़ा है
ये शिव शंकर से बड़ा है
अल्लाह , अजान से बड़ा है
मैरी -जीसस से बड़ा है
ये राजनीती से बड़ा है
ये चमचागिरी से बड़ा है
ये धोखाधड़ी से बड़ा है
शाहीनबाग से बड़ा है
आतंकवाद से बड़ा है
समझोगे ये क्या है ?
ये उन कर्मों की सजा है
जब जल में क़ब्ज़ा किया
जलचर के हक़ को छीना
मार मार कर सूना करके
प्रकृति को घायल किया
जब थल में क़ब्ज़ा किया
पत्ती तिनका काट काट कर
जंगल 🌳 को ख़ाली किया
बिल्डिंग का ताना बाना बुनकर
कंक्रीटो का जाल बिछाया
विज्ञान, तरक़्क़ी के नाम – नाम पर
वायु को प्रदूषित किया
जानोगे ये क्या है ?
परिस्थिति भी डर गई
धरती डर गयी
प्रकृति डर गयी

धर्म डर गया , कर्म डर गया
वायरस 🦠 रूपी दानव से
जैसे हर जीवन डर गया
ये कातिल भी है , भक्षक भी है
ये प्रकृति का संदेशवाहक
और उसकी रक्षक भी है
कहने आया अब बहुत हुआ
छोड़ो – मॉस भक्षण जीवों का
छोड़ो चीर हरण प्रकृति का
छोड़ो प्रदूषण धरती 🌍 का
वक़्त ठहरते समझ जाओगे तो
अगली पीढ़ी बचा पाओगे
ना समझोगे नाज़ुक छण को तो
उजड़ा इतिहास दफ्न हो जाओगे
समझोगे ये क्या है ?