Categories
Motivation

आज

ना रूक कही तू चलता जा

ना रूक कही तू चलता जा

जैसे सूरज की रौशनी

जैसे कल कल बहता पानी

भड़के तूफ़ानों को घेरा

जैसे वन मे जलती ज्वाला

ना रूक कही तू चलता जा ।

उड़ते पंछी को देख कहीं

जो जी लेता जी भर के आज

कहता फिरता , तू कर लेना जो करना है

जी लिया जी भर के आज ।

ना रूक कही तू चलता जा

ना रूक कही तू चलता जा

कितना सच बिखरा है आज

जो सामने है अनमोल है

मिट्टी तो मिट्टी मे मिलती है

कर्मों का सुख हो या सुन्दरता का आकर्षण

ना रूक कही तू चलता जा

यहॉ आज ही बस है जीवन ।

ना रूक कही तू चलता जा

ना रूक कही तू चलता जा ।

Advertisement

By The Lost Monk

Writer || Poet || Explorer || Photographer || Engineer || Corporate Investigator || Motivator

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s