जज़्बात की , फ़िदा की सबात मॉगता हूँ
ख्वाब के शिहाब का हिसाब मॉगता हूँ………!
वो फाजिल तेरी मोहब्बत का है , मेरे मौला
उसकी वफ़ा के इम्तहान का हिसाब मॉगता हूँ ……!
सरवत मोहब्बत , रहमत मॉगता हूँ
साक़ी इश्क़ का दीदार मॉगता हूँ……………!
ज़ख़्म की , सितम की , शिफ़ा मॉगता हूँ
दिलग्गी सुखान के जबाब मॉगता हूँ……….!
जज़्बात की , फ़िदा की सबात मॉगता हूँ
ख्वाब के शिहाब का हिसाब मॉगता हूँ…………!