दोस्ती यारी और ज़िन्दगी के हिसाब मे
समझता नहीं हूँ फ़ायदे का सौदा
घाटों में घुट कर मुस्कराता खड़ा हूँ
आइने में खुद को देखकर हैरान हूँ मैं …….।।
छोटे छोटे क़िस्से , छोटी छोटी कहानियाँ
कब किताबों में ढल गयी पता ही नहीं चला
कितना आगे आ गया हूँ देखता हूँ कभी
तो सुकून के अहसास से हैरान हूँ मैं ……!!
ना शोहरत हासिल की , ना दौलत हासिल की
दो लफ्ज की तलाश में कुछ मोहब्बत हासिल की
बॉटता रहा ज़िन्दगी भर जिस उजाले की ताक़त
उसके खिले फूलों को खिलता देख हैरान हूँ मैं
कठिन वक़्त की डगर मे , जब भी लड़खड़ाया मैं

फिर से जिन्दा होने की वजह ढूँढ लाया मैं
लाखो ने कुछ कहा होगा , भुलाता गया मैं
जीने के इस अन्दाज़ से हैरान हूँ मैं …….!!!
दोस्ती यारी और ज़िन्दगी के हिसाब मे
समझता नही हूँ फ़ायदे का सौदा
घाटों मे घुट कर मुस्कराता खड़ा हूँ
आइने मे खुद को देख कर हैरान हूँ मैं …!!!